- मो. कासिम खॉन '' तालिब ''
मेरे करीब वो है मैं उसके करीब हूं
अल्लाह की करम है बड़ा खुशनसीब हूं
रुठे हुए हैं एक ज़रा सी ही बात पर
वो जानते नहीं कि मैं उनका नसीब हूं
पाते हैं हर मरीज़ हर एक मज़र् से शिफा
देता हूं बस दुआएं मैं ऐसा तबीब हूं
मेरा वो आईना है मैं उसका हूं आईना
मेरा रकीब वो है मैं उसका रकीब हूं
पासे - अदब है और है परदा भी दरमियाँ
तालिब वो जानते हैं मैं कितना करीब हूं
- जितेन्द्र सुकुमार -
खामोश हर मन्जर है साहब
सरसब्ज़ जमीं बन्जर है साहब
जल रही है शबनम की बूंदे
प्यासा यहाँ समन्दर है साहब
जो उछल रहा है हर तरफ
वो इंसाँ नहीं बन्दर है साहब
संभल कर रहना इस इलाकों में
ये खूनी खन्जर है साहब
जो उजाड़ कर रख दे अशियाना
वो हवा नहीं बवण्डर है साहब
साहित्यकार, उदय आशियाना,
मेरे करीब वो है मैं उसके करीब हूं
अल्लाह की करम है बड़ा खुशनसीब हूं
रुठे हुए हैं एक ज़रा सी ही बात पर
वो जानते नहीं कि मैं उनका नसीब हूं
पाते हैं हर मरीज़ हर एक मज़र् से शिफा
देता हूं बस दुआएं मैं ऐसा तबीब हूं
मेरा वो आईना है मैं उसका हूं आईना
मेरा रकीब वो है मैं उसका रकीब हूं
पासे - अदब है और है परदा भी दरमियाँ
तालिब वो जानते हैं मैं कितना करीब हूं
पता 14, अमीर कम्पाउण्ड, बीएनपी रोड,
देवास म.प्र. मोबाईल : 9754038864
- जितेन्द्र सुकुमार -
खामोश हर मन्जर है साहब
सरसब्ज़ जमीं बन्जर है साहब
जल रही है शबनम की बूंदे
प्यासा यहाँ समन्दर है साहब
जो उछल रहा है हर तरफ
वो इंसाँ नहीं बन्दर है साहब
संभल कर रहना इस इलाकों में
ये खूनी खन्जर है साहब
जो उजाड़ कर रख दे अशियाना
वो हवा नहीं बवण्डर है साहब
साहित्यकार, उदय आशियाना,
पता चौबेबांधा राजिम
जिला - गरियाबंद छ.ग. - 493885
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